दोस्ती

दोस्ती
साँप और मेंढक की दोस्ती
        एक जंगल मे एक मेंढक और एक सांप बहुत ही अच्छे दोस्त थे। दोनो के बिरादरी वाले दोनों को ताने मरते थे। मेढक के साथी उससे कहते ," कही एक मेंढक और एक सांप दोस्त हो सकते हैं भला वो तुझे भी खायेगा और हम सब को भी खा जाएगा।" वहीं दूसरी ओर सांप के रिश्तेदार भी उससे बोलते ," तुमने तो हमारी पूंछ ही कटवा दी कोई अपने भोजन से दोस्ती करता है भला। चलो कोई बात नही इस  गलती को अभी भी सुधार सकते है उसको खा के ।" ये सुन के सांप उससे गुस्सा हो गया और वहाँ से चला गया।
          एक दिन उसने अपने दोस्त मेंढक को सारी बात बता दी ये सब सुन के मेंढक ने भी अपना दुःख उसको सुना दिया। तब दोनो ने फैसला किया कि हम दोनों इनसब से बहुत दूर चले जायेंगे। एक दिन दोनो अपने परिवार को छोड़ चल दिये। बहुत दूर चलने के बाद उनको एक बहुत पुराना बिल मिला। दोनो ने वही रहने का निश्चय किया।
             मेंढक चालाक था, ओर वो अपनी चालाकी से सांप को अपने वश में रखता। वो उसको बोलता की सांप और मेंढक कभी दोस्त नही रह सकते किन्तु मैंने तुमको अपना मित्र बनाया ये तम्हारी खुशकिस्मती है। सांप बहुत भोला था और उसने अपनी दोस्ती के लिए उसकी हर बात मानता था। सांप जहाँ भी जाता अपने लिए भी खाना लाता ओर अपने मित्र के लिए भी लाता। धीरे धीरे मेंढक फूल गया और वो सांप को अपना नोकर समझने लगा।
               एक दिन उनदोनो ने गांव की ओर चलने का निश्चय किया और गांव के पास एक बिल में अपना डेरा बनाया। सब कुछ ठीक चल रहा था, किन्तु विधाता को तो कुछ और ही मंजूर था। एक दिन मेंढक को अपनी चालाकी पर बहुत गुमान हो गया और उसने कहा," तुमको पता है मनुष्य सिर्फ तुम्हारे नाम से डर के मर जाते है।" सांप को समझ नही आया। उसने पूछा," तुम्हारे बोलने का मतलब क्या है?" "चलो दिखता हूँ" मेंढक ने कहा।

                   पास में एक चबूतरा था। वहाँ एक आदमी रोज दोपहर को खाना खाने आता था। उसको दिखाते हुए मेंढक ने कहा," तुम जाके उसको काट लो और वहाँ से भाग जाना।" सांप ने वैसा ही किया जैसे ही सांप ने उसको काटा और भाग गया वेसे ही वहाँ मेंढक आ गया, जिससे उस आदमी को लगा कि उसको मेंढक ने काटा है। वो घर चला गया। दोनो दोस्त रात को आपस मे बात करते है और सांप बोलता है" अब वो आदमी कल नही आएगा तुमने मुझसे क्या करवा दिया।" इसपर मेंढक बोलता है," अरे गधे वो कल आएगा।" सुबह हो गया। दोपहर को उस आदमी को आता देख सांप को बहुत हैरानी हुई उसको देख मेंढक बहुत जोर जोर से हसने लगा। ये बात उसको बहुत जोर से चुभी। मेंढक ने कहा," अब मैं जाता हूं जैसे ही मैं उसको काटू तू वहाँ आ जाना।" सांप ने वैसा ही किया। मेंढक के काटने के बाद जैसे ही उस आदमी ने सांप को देखा उसको लगा कि उसको सांप ने काट लिया। वो जोर जोर से चिल्लाने लगा और थोडी देर में वो मर गया।ये देख उसको गुस्सा आ गया उसको लगा कि मेंढक ने उसका विष चुरा लिया है। अब उसको वो मेंढक को खा के ही मिलेगा। जब दोनों अपने बिल में जाते है तो मेंढक उस पर जोर जोर से हँसने लगता है। सांप पहले से ही उसपर गुस्सा था। अब उसनेखुद पर से नियंत्रण खो दिया और उसने उसको खा लिया।

शिक्षा :-  हम लोगो को ये शिक्षा मिलती है की दोस्ती अपने बराबर वालो से करनी चाहिए।

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