नमस्कार मेरा नाम रोहित बर्णवाल है। मैं बी०ए० के तीसरे वर्ष में हूँ और मेरा स्नातक का विषय हिंदी है। मेरे कॉलेज का नाम विधान चंद कॉलेज है जो आसनसोल के प्रतिठित कॉलेजो में से एक है। मैं एक मध्यवर्ग परिवार से हुँ। मुझे कहानियां लिखने, सुनने, ओर पढ़ने का बहुत शौक है।
हालांकि हिंदी विषय का नाम आते ही बहुत से लोग हीन दृष्टि से देखते है। इसका कारण ये भी हो सकता है कि वो हिंदी को बाकी विषयो से कम महत्वपूर्ण मानते होंगे किन्तु ऐसा नही है। हिंदी भाषा में भावनाये जितनी निखार के आती है शायद ही वैसी भावनायें किसी और भाषा मे लिखने से आती हो। हिंदी के प्रत्येक पाठ में एक गूढ ओर एक शिक्षाप्रद तर्क निकलता है, जिसे हम उसे अपने जीवन मे उपयोग कर सकते है।
आप सब https://hindisaransh.blogspot.com/ पर आकर अपनी जिज्ञासा शांत कर सकते है। आपको यहाँ नई नई कहानियाँ, कवितायेँ, उनकी व्याख्या और बहुत कुछ मिलेगा जो जिसकी तलाश आप कर रहे हैं ।
हालांकि हिंदी विषय का नाम आते ही बहुत से लोग हीन दृष्टि से देखते है। इसका कारण ये भी हो सकता है कि वो हिंदी को बाकी विषयो से कम महत्वपूर्ण मानते होंगे किन्तु ऐसा नही है। हिंदी भाषा में भावनाये जितनी निखार के आती है शायद ही वैसी भावनायें किसी और भाषा मे लिखने से आती हो। हिंदी के प्रत्येक पाठ में एक गूढ ओर एक शिक्षाप्रद तर्क निकलता है, जिसे हम उसे अपने जीवन मे उपयोग कर सकते है।
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शायद मैंने अपना ब्लॉग बनाने में थोड़ी देर कर दी है, परंतु कहते है ना " जब जागो तभी सवेरा"। मुझे ब्लॉग लिखने की जरूरत तब महसूस हुई जब मुझे अपने पाठ्यक्रम में कुछ कवितायें और पद को समझने के लिए ऑनलाइन कहीं भी उनकी व्यख्या नही मिली। कुछ किताबो के मूल्य हमारी पॉकेट मनी से व ज्यादा होते है तो सभी किताबो को खरीद पाना सब के लिए संभव नही हो सकता, इसलिए मैंने ऑनलाइन तलाश करना शुरू किया परन्तु मुझे निराशा हाथ लगी। मुझे मेरी दीदी ट्यूशन जरूर पढाती है। लेकिन मैं सभी ट्यूशन नही जा पाता क्योंकि वो ट्यूशन मेरे घर से बहुत दूर है। इन जैसे बहुत समस्याएं है मैं उनका उल्लेख नही करना चाहता इसलिए मैंने सोचा कि क्यों ना एक ब्लॉग बनाये जिसे सभी लोग लाभ उठा सके।
हिंदी एक बहुत ही महवपूर्ण विषय है। इसकी गरिमा को हम इसे पढ़ के ही आंकने की कोशिश कर सकते है। ये हमारी मातृभाषा के साथ साथ हम भारतीयों की पहचान भी है। "जय हिंदी जय माँ भारती"
धन्यवाद.....
हिंदी एक बहुत ही महवपूर्ण विषय है। इसकी गरिमा को हम इसे पढ़ के ही आंकने की कोशिश कर सकते है। ये हमारी मातृभाषा के साथ साथ हम भारतीयों की पहचान भी है। "जय हिंदी जय माँ भारती"
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